गुरु गोचर 2025 मिथुन राशि: 14 मई से बदल जाएगी किस्मत

14 मई 2025 से बृहस्पति मिथुन राशि (Gemini) में गोचर करेंगे। 19 अक्टूबर 2025 को ये उच्च के होकर आपके दूसरे घर में प्रवेश करेंगे, और 5 दिसंबर 2025 को वक्री होकर पुनः मिथुन लग्न में वापस लौट आएंगे। 2 जून 2026 तक वे यहीं रहेंगे। आइए जानते हैं मिथुन राशि वालों के लिए इस गोचर के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव।

बृहस्पति गोचर 2025 मिथुन राशि के लिए: सकारात्मक प्रभाव

  • आत्मविश्वास में वृद्धि: बृहस्पति आपके पहले घर में गोचर करेंगे, जिससे आपका आत्मबल और प्रभावशाली व्यक्तित्व निखरेगा।
  • सेहत और फिटनेस: यह समय स्वास्थ्य में सुधार और नए हेल्थ रूटीन अपनाने के लिए उत्तम रहेगा।
  • लव लाइफ और शिक्षा: 5वें घर पर दृष्टि के कारण प्रेम जीवन और पढ़ाई में सफलता मिलेगी।
  • शादी और रिश्ते: अविवाहितों के विवाह के योग बनेंगे। विवाहित लोगों के लिए संबंधों में सामंजस्य बढ़ेगा।
  • साझेदारी में लाभ: 7वें घर की दृष्टि के कारण बिज़नेस पार्टनरशिप से लाभ संभव है। पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।
  • भाग्य और उच्च शिक्षा: 9वें घर की दृष्टि से उच्च शिक्षा में सफलता और भाग्यवृद्धि होगी। पिता से संबंध बेहतर होंगे।
  • अक्टूबर–नवंबर में विशेष लाभ: जब बृहस्पति दूसरे घर में होंगे, तब पारिवारिक सुख, आय में वृद्धि और संचार शैली में सुधार दिखाई देगा।

बृहस्पति गोचर 2025 मिथुन राशि के लिए: नकारात्मक प्रभाव

  • यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो: वजन बढ़ने और आलस्य की समस्या हो सकती है।
  • मध्य अक्टूबर से फरवरी तक: गैरजरूरी खर्चों और अनावश्यक खरीदारी से बचें।
  • जीवनसाथी की सेहत: अक्टूबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत तक जीवनसाथी की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि बृहस्पति 8वें घर में होंगे।
  • 11 नवंबर से बृहस्पति वक्री: आत्मविश्वास में कमी, वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों में तनाव, पिता की सेहत संबंधी परेशानियां संभव हैं।
  • 11 मार्च 2026 के बाद सुधार: जब बृहस्पति मार्गी होंगे, तब इन सभी समस्याओं में सुधार दिखेगा।

बृहस्पति गोचर 2025 मिथुन राशि: क्या करें?

  • बृहस्पति को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन पीली वस्तुएं दान करें।
  • ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • अपने पिता और गुरु तुल्य लोगों का आदर करें।

निष्कर्ष

मिथुन राशि के लिए बृहस्पति का यह गोचर आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, शिक्षा और रिश्तों में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा, खासकर मई से अक्टूबर के बीच। हालांकि वक्री अवस्था के दौरान थोड़ी सावधानी जरूरी होगी। अपने शब्दों और खर्चों पर नियंत्रण रखें और आध्यात्मिक मार्ग अपनाएं — इससे इस समय का अधिकतम लाभ मिलेगा।

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