गुरु गोचर 2025 मकर राशि: नौकरी, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन में बदलाव

📅 14 मई 2025 से बृहस्पति आपके छठे घर में गोचर करेंगे। 19 अक्टूबर 2025 को उच्च राशि में जाकर सातवें घर में प्रवेश करेंगे और फिर 5 दिसंबर 2025 को वक्री होकर दोबारा छठे घर में लौट आएंगे, जहां वे 2 जून 2026 तक रहेंगे।

🌈 मकर राशि के लिए गुरु गोचर के शुभ प्रभाव

छठा घर आमतौर पर रोग, शत्रु, कर्ज और रोजमर्रा के कार्यों से जुड़ा होता है, लेकिन जब यहां बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह का गोचर होता है, तो यह संघर्ष में जीत और व्यवस्थित जीवन देता है।

  • 🕘 डेली रूटीन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
  • 💼 कार्यक्षेत्र में सम्मान और सहयोग मिलेगा।
  • 👥 सहकर्मी और अधीनस्थ सहयोगी बनेंगे।
  • ⚖️ कानूनी विवाद का शांतिपूर्ण समाधान संभव होगा।

बृहस्पति की दृष्टि आपके:

  • 🏢 10वें घर (करियर) पर — करियर में नई जिम्मेदारियाँ और उन्नति।
  • ✈️ 12वें घर पर — विदेश यात्रा, विदेशी क्लाइंट और वीजा के योग।
  • 💰 2वें घर पर — धन में वृद्धि और बजट पर बेहतर नियंत्रण।

📈 इनकम और सेविंग्स दोनों में सुधार होगा और यह समय दीर्घकालिक निवेश के लिए भी शुभ है।

📅 अक्टूबर मध्य से नवंबर 2025 के बीच (गुरु सातवें घर में)

  • 💑 वैवाहिक जीवन में प्रेम और समझ बढ़ेगी।
  • 🤝 बिज़नेस पार्टनर और नए ग्राहक मिलने के योग हैं।
  • ✨ आत्मविश्वास और आकर्षण में वृद्धि होगी।
  • 🚗 कम दूरी की यात्राएँ और संवाद के लिए अनुकूल समय।

⚠️ मकर राशि के लिए गुरु गोचर के अशुभ प्रभाव

  • 🥴 पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं या वज़न बढ़ सकता है — इसलिए डायट और फिटनेस रूटीन पर ध्यान दें।
  • 💸 12वें घर पर दृष्टि के कारण खर्चों में वृद्धि हो सकती है।

📅 11 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक

  • ⚠️ वैवाहिक जीवन और साझेदारी में विवाद या टकराव हो सकते हैं।

📅 5 दिसंबर 2025 से 11 मार्च 2026 तक

  • 💼 कार्यस्थल पर तनावपूर्ण स्थितियाँ बन सकती हैं।
  • ⚕️ स्वास्थ्य की अनदेखी न करें — नियमित चेकअप और व्यायाम करें।

✅ कब मिलेगी राहत?

🌈 11 मार्च 2026 के बाद जैसे ही गुरु मार्गी होंगे:

  • 🎯 जीवन में स्थिरता और सकारात्मक परिणाम लौटने लगेंगे।
  • 💪 करियर, स्वास्थ्य और रिश्तों में सुधार महसूस होगा।

📌 निष्कर्ष

गुरु का यह गोचर मकर राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य, करियर, वैवाहिक जीवन और वित्तीय मामलों में बड़ा परिवर्तन लाएगा। शुभ समय में कार्यों की गति बढ़ाएं और अशुभ समय में संयम और समझदारी से काम लें।

 

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